
लोक सभा की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में 822 घटनाये हुई है जिसमे 111 मौते हुई है, जो चार साल में सबसे ज्यादा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहाँ – उत्तर प्रदेश इन घटनाओ के मामले में सबसे आगे है 195 घटनाओ से जिसमे 44 लोगो की मौत और 540 लोग घायल शामिल है।
बाकी राज्यों में कर्नाटक – 100 घटनाओ के साथ
राजस्थान – 91 घटनाओ के साथ
बिहार – 85 घटनाओ के साथऔर वही मध्य प्रदेश – 60 के साथ जो दिखाता है पूरे देश में कितनी ज़्यादा अस्थिरता है।
2016 में 703 और 2015 में 751 घटनाये दर्ज की गयी है और ये सभी बहुत परेशान करने वाली है।
अभी तक उत्तर प्रदेश सबसे ज़यादा साम्प्रदायिक्ता हिंसा की घटना 2013 में मुज़फ्फरनगर में हुई है जिसमे 60 मासूम लोगों ने दंगे-फसाद में अपनी जान गवा दी हैं।
अहीर जी ने कहा – ये घटनाये अधिकतम धर्म, ज़मीन, संपत्ति और ज़यादातर मामलो में तो राजनैतिक होते है।
उत्तर प्रदेश 2 वर्षों से साम्प्रदायिकता हिंसा की घटनाओं की वजह से सबसे ऊपर है। पर। प्रदेश मुख्या मंत्री योगी आदित्यनाथ का कुछ और ही कहना है , उनका मानना है की उनके शासन में आने के बाद ये घटनाये कम हो गयी है पर रिपोर्ट तोह कुछ और ही कह रही है मुख्यामंत्री जी।
अगर इसी तरह होता रहा तो देश में रहना मुश्किल हो जायेगा, 2.1% अमीर भारतीय 2017 में भारत छोड़ चुके है। भारत को कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि ऐसी समस्याएँ न हो भविष्य में और अगर कोई राजनीतिक पार्टी आम आदमी को धर्म और जाती के नाम पे भड़का रही है तो उनके ख़िलाफ़ भी सक्त कदम उठाये जाए। कोई नहीं चाहेगा की 2002 में गुजरात में हुए दगे फिर से हो, देश जिसकी वजह से बट जाएं फिर से ?